विश्व का इकलौता द्वीप, जो फिगरप्रिंट जैसा है दिखता, नहीं रहता है यहां पर एक भी इंसान

इस धरती पर हजारों की संख्या में द्वीप पर मौजूद है। और लाखों की संख्या में लोग इन द्वीपों पर पर्यटन के लिहाज से जाते हैं। यहां पर लोगों को भागदौड़ भरी लाइफ और तमाम चीजों से भी फुर्सत मिलती है। विश्व में कई ऐसे दीप है जहां पर सूर्योदय और सूर्यास्त के साथ संस्कृति के लिए ही प्रसिद्ध नहीं हैं। इन दीपों की एक अलग पहचान भी है। जिसके कारण यह हमेशा लोगों के बीच चर्चा के केंद्र में रहते हैं।

फिंगरप्रिंट जैसा दिखता है यह दीप


आपको बताते चलें कि डेली मेल के एक आर्टिकल के मुताबिक Bavljenac या Baljenac नामक इस द्वीप अगर हवा में रह जाए तो ये दीप किसी बड़े से फिंगरप्रिंट जैसा दिखता है। एड्रियाटिक सी (Adriatic Sea) पर मौजूद ये द्वीप पर पत्थरों की दीवारें बनी हुई है। ओवल आकार का ये द्वीप 0.14 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।मान लीजिए अगर इसकी दीवानों को एक साथ जोड़ा जाए तो इन की कुल लंबाई 23 किलोमीटर हो जाएगी।

इस द्वीप का उपयोग खेती किसानी के लिए करते थे लोग

क्रोएशियन नेशनल टूरिस्ट बोर्ड (Croatian National Tourist Board) के मुताबिक इस द्वीप का उपयोग बगल के Kaprije द्वीप के लोग खेती के लिए करते थे।

Kaprije द्वीप के लोगों ने Baljenac की साफ सफाई की और फ़िग और साइट्रस फलों के पेड़, अंगूर के पेड़ लगाए।इतना ही नहीं उन्होंने फसल को हवा से बचाने के लिए जमीन को कई टुकड़ों में बांट कर उन्होंने पत्थरों की दीवारें बनाई थी। यह बात तकरीबन 18वीं सदी के आसपास की है। ड्राई स्टोन वॉलिंग नाम की इस तकनीकी का उपयोग करके दीवारों को खड़ा किया गया था। इसके साथ ही पत्थरों की स्टेकिंग और इंटरलॉकिंग करके उन्हें सीधा खड़ा किया गया था।

दीवारों का किया जा रहा है संरक्षण


गौर करने वाली बात ये है कि वर्तमान में इस द्वीप पर फलों के पेड़ नहीं बचे हैं लेकिन दीवारें आज भी हैं। जिनका संरक्षण साल 2018 से शुरू किया गया है। और इन्हें यूनेस्को ने इनटेंजिबल कल्चरल हेरीटेज आफ ह्यूमैनिटी की लिस्ट में भी दर्ज किया है। आपको बताते चलें कि पूरे विश्व के लोग इस द्वीप के दीदार के लिए आते रहते हैं।

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