Super 30 के founder आनंद कुमार के अनमोल विचार
December 2, 2018
आनंद कुमार Super 30 के Founder आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं । वह खुद में एक ब्राण्ड़ बन चुके हैं ।आज उनके पास Donetion देने वालों की लाइने लगी रहती हैं मगर वह किसी से भी एक रूपयाँ चंदा नहीं लेते हैं ।
एक समय ऐसा भी था ….जब उन्हें पढ़ने के लिए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से बुलावा आया तो उनके घर में खुशियों का ठिकाना नहीं रहा मगर वहाँ पहुँचनें के लिए उनके पास पैसे न होने के कारण निराशा ने अपने पाँव जमा लियें ।
वह पैसों के लिए अपने पिता के साथ हर उस जगह गयें जहाँ से उन्हें उम्मीद थी मगर हर जगह से निराशा ही हाथलगी ।
बेटे को बाहर न भेज पाने के गम से पिता को ह्रदयघात हो गया ।
अब घर की सारी जिम्मेदारी उनके कंधो पर आ गई । उन्हें पाँस्ट आँफिस में पिता की जगह नौकरी मिल रही थीमगर उनकी माँ ने बहुत बड़ा निर्णय लिया और उनसे बोली, “बेटा तुम्हारा सपना तो टिचर बनने का था, तुम अपने सपने को पूरा करों ।
“घर की जिम्मेदायों की चितां मत करो और तुम अपना ध्यान अपने लक्ष्य पर रखों ।”
माँ के यह शब्द आनंद के लिए प्रेणा बनें …..प्रभू श्री राम लंका पहुँच पायें तो इसलिए क्योकि उनके आस-पास का माहौल आशावादी था । समस्याओं से टकराने की इच्छाशक्ति थी…..और धैर्य को सहेजनें में स्थिरिता …।
यहीं चीजें आनंद को अपनें लक्ष्य की ओर बड़ा रही थी । दिन में माँ के द्वारा बनायें गयें पापड़ बेचते तो रात को बच्चों को पढ़ाने का कार्य करते ।
धीरे-धीरे दो बच्चों से शुरू हुआ सफर सैकड़ो फिर हजारों में पहुँच गया ।
अब वह 500 रूपयें एक साल के प्रति बच्चे के हिसाब से लेने लगें मगर एक दिन एक बच्चें ने 500 रूपयें भी न दें पाने की स्थिति बताई तो उन्हें Super thirty प्रोग्राम चलानें का विचार दिमाक में आया । इसमे वह बेहद गरीब और Talented बच्चों को टेस्ट के जरियें लेने लगें ।
इस प्रकार से ‘Super 30’ प्रोग्राम की शुरूआत हुई ।
आज आनंद राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय मंचों को संबोधित करते हैं। उनके सुपर 30 की चर्चा विदेशों तक फैल चुकी हैं। कई विदेशी विद्वान उनका इंस्टीट्यूट देखने आते हैं और आनंद कुमार की कार्यशैली को समझने की कोशिश करते हैं।
उनका मानना हैं कि कोई भी संस्था या संस्थान अनुदान या
infrastructure से नहीं बल्कि जुनुन से चलते हैं ।
उनके जीवन पर बाँलीबुड फिल्म बना रहा हैं …जिसमें आनंद का किरदार ऋतिक रोशन निभा रहें हैं ।
आइयें जानते हैं Super 30 के Founder ‘Anand kumar’ के super 30 विचार…
Motivational life changing speech quotes thoughts in hindi :-
1 – चलते रहों – चलते रहों उस समय तक चलते रहों जब तक की मंजिल न मिल जायें ।
आनंद कुमार
2 – मेहनत करते रहों चाहें परिस्थिति जैसी भी हो, मेहनत से मत भागों ।
आनंद कुमार
3 – हमारे जीवन में सबसे बड़ी परीक्षा “धैर्य” की होती हैं ।
आनंद कुमार
4 – जितनी रात गहरी हो रहीं हैं उतना ही वह सवेरे के नजदीक पहुँच रहीं हैं । अर्थात परेशानियाँ जितनीगम्भीर होती हैं उतना ही वह सफलता के करीब लें जाती हैं ।
आनंद कुमार
5 – जब कार्य नहीं हो रहा होता हैं तब देरी हो रहीं होती हैं… यहीं सोच मुझे उस कार्य से जोडे़ रखती हैं ।
आनंद कुमार
6 – आप अपनी मंजिल खुद खोजिए …खोजने में तड़प होगी, बेचैनी होगी, भटकेगें, गुस्सा आयेंगा मगर फिर भी चलते रहेगें तो आपको अपनी मंजिल जरूर मिलेगी ।
आनंद कुमार
7 – अगर आपके सपने बड़े हैं तो इतंजार भी बड़ा होना चाहिए ।
आनंद कुमार
8 – शिक्षा सबसे बड़ा हथियार हैं । आनंद कुमार
9 – छोटी-छोटी चीजों के लिए आप अपने जीवन के उद्देश्य को मत बाटियें ।
आनंद कुमार
10 – पढ़ाई पैसों से नहीं जुनुन से होती हैं ।
आनंद कुमार
11 – सोते-जागतें, उठते-बैठतेॆ हर समय अपने कार्य पर फोकस होना चाहिए । उस काम के प्रति आपके अदंर प्रबल प्यास होनी चाहिए । आनंद कुमार
12 – हमेशा सोच सकारात्मक रखों फिर चाहें आपके सामनें परेशानियों का पहाड़ क्यों न खड़ा हो ।
आनंद कुमार
13 – बुझी हुई समा फिर से जल सकती हैं …..
भयकंर से भयकंर तूफान से कश्ती निकल सकती हैं ।
कभी निराश न हो, मायूस न हो मेहनत कर ,
तेरी भी एक दिन किश्मत जरूर बदल सकती हैं ।
आनंद कुमार
14 – मैं समाज के लिए क्या कर सकता हूँ ? यह सोच समाज के हर व्यक्ति में होनी चाहिए ।
आनंद कुमार
15 – आप किसी भी प्रश्न के हल पर मत जाईयें…..आप उसके आधार पर ध्यान दीजिए । आप उसे कितनेप्रकार से हल कर सकते हैं ।
आनंद कुमार
16 – जीवन हैं तो परेशानियाँ भी होगी…यह जीवन का सत्य हैं ।
आनंद कुमार
17 – जो वास्तव में काम करने की इच्छाशक्ति रखता हैं… उसे कोई Donetion की जरूरत नहीं होती ।
आनंद कुमार
18 – संस्थान वहीं अच्छा जहाँ जुझारू बच्चे तथा लगनशील शिक्षक हो…..AC तथा Infrastructure इसमें कोई महत्व नहीं रखता ।
आनंद कुमार
19 – संस्कार वहीं हैं जो समाज को कुछ देने के लिए प्रेरित करें ।
आनंद कुमार
20 – जब आप कोई कार्य “मेरा कर्तव्य हैं” की भावना से करते हैं तो समय चाहें कितना भी लगें मगर वह कार्य परिवर्तन जरूर लाता हैं ।
आनंद कुमार
21 – जो तुम हो उसी पर गर्व करों । किसी की नकल मत करों ।
आनंद कुमार
22 – किसी भी व्यक्ति की पहचान उसकी जाति से नहीं …उसकी प्रतिभा से होती हैं ।
आनंद कुमार
23 – जब जागे तब सवेरा वाले सिद्धांत से आज से लग जाना है। सोचना है कि जीत हमारी होगी और सिर्फ हमारी होगी। इसी भाव से पढ़ते रहना है।
आनंद कुमार
24 – दरअसल ऐसी बात है कि कोई काम रहे, चाहे आप sports खेले, IIT की तैयारी करें या leader बनने की बातें हो, अच्छे Journalist बनने के बात हो……
जब तक आप उस विषय के बारे में नशा नहीं होगा ,उसके बारे में दिन रात सोचेगें नहीं, दुनिया से कटकर उस पर चलेगें नहीं… तो सफलता नहीं मिलेगी।
आनंद कुमार
25 – Dedication और Devotion सफलता के लिए जरूरी है।
आनंद कुमार
26 – “मेरा बेटा मेहनत करेगा जैसे साहब का बेटा करेगा और साहब से भी बड़ा साहब बनेगा…..।”
यह भाव हमारे देश मे एकदम निर्धन से निर्धन परिवार में भी बहुत तेजी से उभर रहा है।
आनंद कुमार
27 – मुझे बहुत से बड़े-बड़े लोगों के Donetion के लिए आँफर आयें ….मगर एक सकसियत ऐसी थी जिसने मेरा दिल जीत लिया और वो थे “डाँ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम” जिन्होने मुझ से कहाँ, ” बेटा चुनौतियाँ कितनी भी आयें, परेशानियाँ कितनी भी पड़े तुम काम करते रहना । “
ये दिल से निकली उनकी दुआयें थी जो मुझे आशीर्वाद दे रहीं थी ।
आनंद कुमार
28 – छोटे शहरों में बहुत संभावनाएं हैं, आवश्यकता है तो सिर्फ इनकी प्रतिभा को निखारने की ।
आनंद कुमार
29 – हमारे जीवन में अंग्रेजीयत नहीं आनी चाहिए लेकिन हमें संवाद के स्तर पर इस भाषा का ज्ञान होनाआवश्यक है।
आनंद कुमार
30 – भाषा ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण है विषय का ज्ञान और उस ज्ञान को प्राप्त करने की योग्यता ।
आनंद कुमार
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धन्यवाद 🙂
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