Success Story: पटना का यह लड़का बना हावर्ड का छात्र नेता, ऐसा रहा कामयाबी का सफर…!!!
Success Story: दोस्तों हर कोई चाहता है कि वह अपने सपने पूरे करें और एक बड़े मुकाम पर पहुंचे जहां पर उससे पहले कोई नहीं पहुंच पाया है। हम सभी ऐसा सोचते हैं लेकिन कुछ ही ऐसे होते हैं जो यह कर दिखाने की काबिलियत और जज्बा रखते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहे हैं। शायद आप भी इस कहानी को सुनकर थोड़ा इंस्पायर हो सके।
हम आपको पटना के रहने वाले शरद विवेक सागर की कहानी बताने वाले हैं जिन्होंने एक हाई स्कूल के हेड बॉय से शुरू करके हावर्ड के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन के अध्यक्ष तक का सफर तय किया है। ऐसा करने के बाद उन्होंने अपने लिंक्डइन पर एक पोस्ट शेयर की है जिसमें उन्होंने बताया है कि “हाई स्कूल के हेड बॉय से हावर्ड के अध्यक्ष तक का सफर, मैंने ऐसी कल्पना भी नहीं की थी लेकिन आज मैं हावर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन के स्टूडेंट गवर्नमेंट का पहला भारतीय अध्यक्ष बन गया हूं।”
Success Story: जाने शरद विवेक सागर के बारे में
शरद विवेक सागर पटना के रहने वाले हैं और वह टफ्ट्स यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय संबंधों में फुल स्कॉलरशिप के ऊपर बैचलर्स की डिग्री ली। उन्होंने जब बड़ौदा में स्थित विवेकानंद मेमोरियल पर एक भाषण दिया था तो उन्हें काफी लोकप्रियता मिली तथा उन्हें 21वीं सदी का विवेकानंद भी कहा जाने लगा। वह यूनिवर्सिटी के इतिहास में ग्रेजुएशन डे पर भाषण देने वाले भी पहले भारतीय हैं। इन सबके अलावा शरद एक उद्यमी, अच्छे वक्ता और युवाओं के द्वारा फॉलो किए जाने वाले एक यूथ आइकन है जोकि रॉकफेलर फाउंडेशन की अगली शताब्दी के 100 इन्नोवेटर्स की सूची में आने वाले, ग्लोबल फॉर्ब्स 30 अंडर 30 और क्वींस यंग लीडर सूची में आने वाले भी एक युवा है।
Success Story: Dexterity Global Group की स्थापना
शरद Dexterity Global Group नामक एक संस्था के संस्थापक भी है और CEO भी। 2008 में इसकी स्थापना करने के बाद उन्होंने इस संस्था में डेक्स कनेक्ट, डेक्सटेरिटी टू कॉलेज, डेक्स स्कूल और डेक्सटेरिटी क्लासरूम जैसे इनिशिएटिव शुरू किए हैं। डेक्सटीरिटी एक करियर डेवलपमेंट ग्रुप है जिसके अंतर्गत कॉलेज के छात्रों, अध्यापकों और अभिभावकों को नए जमाने की स्किल्स सिखाने के अलावा उन्हें लीडरशिप और उद्यमिता के तरीके भी सिखाए जाते है। शरद ने जब ग्रेजुएशन के बाद कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में 1 साल के लीडिंग चेंज प्रोग्राम में हिस्सा लिया था तो उन्हें हावर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन में मास्टर्स के लिए केसी महिंद्र स्कॉलरशिप और HGSI ग्रांट भी मिली।