Success Story : 9 साल तक संघर्ष करने के बाद में नेत्रहीन पिता की बेटी बनी सब इंस्पेक्टर
Success Story : जब किसी भी गरीब परिवार का बच्चा अपने सपनों को सफल बनाने मैं सफलता हासिल कर लेता है तो उसकी कामयाबी के चर्चे उस जगह पर ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में हो जाते हैं आज आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं जिससे बहुत ही कड़ी चुनौतियों का सामना करने के बाद में पुलिस की नौकरी को हासिल किया है।
Success Story : 9 साल तक लंबी संघर्ष की कहानी
राजस्थान के सरहदी बाड़मेर इलाके के ताल्लुक रखने वाली लक्ष्मी गणवीर एक बहुत गरीब परिवार से है। उनका जीवन बचपन से ही बहुत संघर्षपूर्ण रहा है। लक्ष्मी के पिता नेत्रहीन है। उनके दो छोटे भाई हैं। ऐसे पिता के पास आंख ना होने की वजह से लक्ष्मी के परिवार को बहुत ही आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
ऐसे में लक्ष्मी ने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए नौकरी करना शुरू किया और पुलिस की ट्रेनिंग के लिए वह अलग से समय निकाल दी थी। इसके अलावा लक्ष्मी ने अपनी पढ़ाई को भी कंटिन्यू रखा था उन्होंने बीए की डिग्री के बाद में m.a. की डिग्री को हासिल किया।
Success Story : बाड़मेर पुलिस कांस्टेबल पद के लिए चुन लिया गया
लक्ष्मी ने 12वीं कक्षा पास करने के बाद में पुलिस की तैयारी शुरू कर दी थी। उसके बाद 2011 में उनको बाड़मेर पुलिस कांस्टेबल पद के लिए चुन लिया गया। ऐसे में लक्ष्मी ने 9 साल तक कठिन परिश्रम अपने दम पर इस रैंक को हासिल किया अभी अपनी वर्दी पर दो सितारे लगवाने में वह हाल ही में कामयाब रही है।
दीक्षांत समारोह में वर्दी पर दो सितारे लगने के बाद में लक्ष्मी पहली बार वर्दी पहन कर अपने घर पर आई थी तो उनके माता-पिता ने करते उनको सैल्यूट करके उनका सम्मान किया, अभिवादन किया। लक्ष्मी बाड़मेर के मेघवाल समाज से ताल्लुक रखती है। वहाँ लड़कियों को ज्यादा पढ़ाया लिखाया नहीं जाता है।
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