जंगल का शेर, बकरियों की संगत | Story on Sangat in Hindi

Story on Sangat in Hindi | Lion Goat Story in Hindi

एक बार जगंल में एक शेरनी अपने बच्चें के साथ घूम रहीं थी कि तभी अचानक बकरियों का झूण्ड, वहाँ से होकर गुजरा और, उसी झुण्ड़ में उस शेरनी का बच्चा उससे बिछड़ गया.
धीरे-धीरे समय गुजरता गया. वह बच्चा उन्हीं बकरियों के साथ पलता-बढ़ता रहा. कुछ समय बाद, वह बच्चा बड़ा हो  गया लेकिन उसके Attitude में कोई शेरपन, धाकड़पन नहीं आया. चूकि उसकी देख-रेख उन बकरियों के सरंक्षण में हुई थी इसलिए, वह उन बकरियों की तरह Defensive Mode की प्रवृत्ति में ढ़ल चुका था.
सभी बकरियों को अपने समूह पर बहुत गर्व महसूस होता. क्योकि उनके समूह में शेर था इसलिए, पूरा Group राजत्व वाली Feeling महसूस करता. कोई भी जगंल का दूसरा जीव-जन्तु बकरियों के झुण्ड पर अपना रोब दिखाने से घबराता.
आज की स्थिति से जोड़कर देखे तो, बकरियों को Z security मिली हुई थी.
एक दिन बकरियों के झुण्ड पर जगंल के दूसरे शिकारी शेर ने हमला कर दिया. सारी बकरियाँ शिकारी शेर को देखकर भागने लगी. झुण्ड को भागता देख, वह शेर भी मैदान छोड़कर भागने लगा. जिस शेर पर बकरियों को अपनी सुरक्षा को लेकर पूरा यकिन था.
यह देखकर शिकारी शेर हैरान हो गया. वह कुछ समझ नहीं पा रहा था कि एक शेर होकर दूसरे शेर से घबराकर कैसे भाग रहा हैंं ?
शिकारी शेर भागते-भागते उस शेर के नजदीक पहुँचा और कहाँ, ” अरे ! भाई, तुम एक शेर होकर आखिर कहा भागें जा रहें हो. तुम तो हमारी बिरादरी के हो. हमारा-तुम्हारा क्या बैर ? हमारा तो जगंल पर राज चलता हैं. तुम्हें आखिर भागने की क्या आवश्यकता ?”
उस शेर ने घबराते हुए शिकारी शेर की तरफ देखा और नजर झुकाते हुए बोला, ” अगर मुझसे कोई गलती हो गई हो तो, मुझे माँफ कर दो ! मगर, मेरे समूह और मुझको छोड़ दो, हम पर हमला मत करों.”
शिकारी शेर का माथा पूरी तरह चकराने लगा. वह अपना शिकार करना भूल गया. वह किसी भी तरह उस शेर को नदी के पास ले गया. नदी के पानी में उस शेर को दोनों की परछाई दिखी.
उसने देखा हू-ब-हू, वह शिकारी शेर की तरह हैं. उसी की तरह चहरें पर लम्बे-घने बाल, उसी की तरह पूरे शरीर की सरंचना. यह देखकर वह खूब तेज से दहाड़ा……
अब उसे यकिन हो गया कि वह भी वहीं हैं, जो उसके सामने खड़ा हैं. उसे यकिन हो गया कि वह भी हमले का जवाब दे सकता हैं.
जो शेर थोड़ी देर पहले प्रतिद्वंदी दिखाई दें रहा था, अब वह उसके लिए एक Mentor बन चुका था. इस तरह, वह दोनों शेर जगंल में पुन: शिकार की खोज में निकल गयें.
दोस्तों, इसी तरह यह बात हम पर भी लागू होती हैं कि हम कैसी सगंत में उठते-बैठते हैं ?
आपने वह कहावत तो जरूर सुनी होगी, “जैसी संगत, वैसी रंगत”.
आपके आस-पास का माहौल कैसा हैं ? अगर आपके साथी लोग Negatives  की मनोदशा में जीतें हैं तो, आप भी ठीक उन्हीं की तरह सोचने लगोगें.
जब हनुमान अपनी शक्तियों को भूल गयें थे तो, सागर उन्हें बहुत विशाल लग रहा था लेकिन, जब ‘जामवंत‘ ने उनकी शक्तियों का भान कराया तो, हनुमान ने एक छलाग में समुद्र को पार कर, लंका में पहुँचकर माता सीता का पता लगाया.”
“ठीक, उसी तरह Merajazbaa.com भी अपनी पाँस्टों के माध्यम से ‘Mentor’ की भूमिका निभा रहा हैं ताकि, आज की युवा-पीढी अपनी शक्तियों को जान कर, नयें नक्षत्रों में अपनी सफलता के बीज-बौं सकें.”
                                                     धन्यवाद !
दोस्तों, उम्मीद करता हूँ. आपको आज की कहानी पसंद आई होगी . आपको हमारी पाँस्ट कैसी लगी, हमें कमेंट करके जरूर बतायें.

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