संजीव मेहता भारत के एक ऐसे बिजनेसमैन जिन्होंने 20 मिनट में ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीद लिया था
ईस्ट इंडिया कंपनी जी हां बिल्कुल जो ब्रिटिश शासन के दौरान शुरू की गई थी। भारतीय इतिहास के पन्नों में इस कंपनी का नाम काली स्याही से लिखा गया है। यह वही ईस्ट इंडिया कंपनी है जिसके खिलाफ जाकर भारतीय क्रांतिकारियों ने आजादी की लड़ाई शुरू की थी। हम भारतीयों पर राज करने वाली यह कंपनी आज एक भारतीय के हाथों में आ चुकी है इस काम को बिजनेसमैन संजीव मेहता ने किया है।
इस कंपनी की शुरुआत 1600 में हुई थी जिस समय इस कंपनी की शुरुआत हुई थी। उस समय यह किसी ने नहीं सोचा था कि यह कंपनी दुनिया के कोने कोने तक पहुंचकर बिजनेस करेगी। इसकी शुरुआत समंदर के जरिए माल ब्रिटेन तक लाने के लिए की गई थी। उस समय ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने कदम भारत में रखे और यहां पर अपना व्यापार शुरू किया। उन्होंने भारत से चाय मसाले और कई ऐसी चीजों का सौदा किया जो यूरोपीय देशों में मौजूद नहीं थी। देखते ही देखते ईस्ट इंडिया कंपनी ने दुनियाभर के 50% ट्रेड पर अपना कब्जा कर लिया।
यह कंपनी भारतीयों पर अधिकार जमाती रही
करीब 200 साल तक यही चलता रहा यह कंपनी भारतीयों पर अधिकार जमाती रही लेकिन 1857 में मेरठ में हुई आजादी से पहले विद्रोह ने इस कंपनी पर ऐसा असर डाला कि इनका कारोबार रातों-रात आसमान से जमीन पर आ गया। आज तक भारतीय के दिल में ईस्ट इंडिया कंपनी को लेकर 1 रंज था जो आज इतने सालों बाद के बाद पूरा हुआ है।
ईस्ट इंडिया कंपनी की हालत काफी खराब हो गई थी उसका व्यापार डूबता गया। ब्रिटिश सरकार ने मदद करने से मना कर दिया क्योंकि कंपनी का नाम दुनिया भर में प्रसिद्ध था इसीलिए कंपनी को पूरी तरह से बंद नहीं होने दिया। यह बात 2003 की है भारतीय संजीव मेहता को जब यह बात पता चली कि ईस्ट इंडिया कंपनी अब अपने कदमों पर नहीं खड़ी रह सकती है। तब उन्होंने एक बार उनके ऑफिस में जाने का फैसला किया।
संजीव मेहता ने एक नैपकिन पर एक दाम लिख दिया
वहां पर जाने के बाद संजीव ने सारी बातों को समझा और संजीव मेहता को यह समझ आया कि अब यह कंपनी बिकिनी की कगार पर है, इसीलिए संजीव मेहता ने सामने से एक नैपकिन उठाया और उस पर एक दाम लिख दिया। उस दाम को देखते ही कंपनी के मालिकों ने संजीव को 21% शेयर बेचने का फैसला कर लिया। महज 20 मिनट में संजीव ने कंपनी का एक बड़ा हिस्सा अपने नाम कर लिया।
संजीव मेहता ने आज ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीद कर दुनिया को यह दिखा दिया है कि हम भारतीय हैं जो कुछ भी कर सकते हैं। भारत पर राज करने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी आप भारतीय राज करेंगे यह देखकर सबके चेहरों पर मुस्कान आ जाती है। यह एक ऐतिहासिक फैसला था जिसके लिए आने वाले कई सालों तक संजीव को याद रखा जाएगा।
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