UPSC: देश की सबसे कठीन परीक्षा UPSC को पास करने के लिए कई छात्र अपने पूरा जीवन समर्पित कर देते है। हर साल लाखों की संख्या में परीक्षार्थी ‘UPSC’ एग्जाम में भाग लेते है। लेकिन फिर भी कुछ ही प्रतिशत छात्र सफल हो पाते है। वहीं, हर साल लगभग 10 प्रतिशत ही ऐसे छात्र होता है जो अपने पहले अटेमप्ट में एग्जाम क्रेक कर पाते है। बिहार के लाल ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया। मधुबनी जिले के 22 वर्षीय मुकुंद कुमार ने पहले ही अटेम्पट में UPSC परीक्षा पास कर लिया। उन्होंने साल 2019 में UPSC का एग्जाम दिया था। जिसका रिजल्ट 2020 के अगस्त माह में आया। इस एग्जाम में मुकुंद ने 54 वी रैंक प्राप्त की।
Contents
22 साल की उम्र में पास की UPSC परीक्षा
मधुबनी जिला के बाबूबरही प्रखंड के बरुआर गांव निवासी मुकुंद हमेशा से ही एक कर्मठ छात्र रहा है। मुकुंद के पिता मनोज ठाकुर गांव में रहकर सुधा डेयरी का कारोबार करते हैं। वहीं माता ममता देवी एक कुशल गृहनी है। मुकुंद के घर की आमदनी शुरूआत से ही काफी कम थी। ऐसे में आरामदायक जीवन क्या होता है ये बात मुकुंद को 22 सालों तक पता ही नहीं चला। उनके पिता कभी जमीन बेचकर तो कभी ओवर टाइम मेहनत कर बेटे की पढ़ाई पूरी करवाते थे।
ये भी पढ़े- IAS बनने के बाद ऐसी हो जाती है जिंदगी, जानिए कैसे ठाठ में जीते हैं अफसर
इतनी परेशानियों के बावजूद मुकुंद ने कभी किताबों से अपना प्रेम कम नहीं होने दिया। मुकुंद ने गांव से ही अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी की। धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाने लगी और उनका सेलेक्शन सैनिक स्कूल गुवाहाटी में हो गया। वहां से मुकुंद ने अपनी 12वीं की। घर की हालत देख मुकुंद ने 12वी में ही ये ठान लिया की वह IAS सभी परेशानियों को दूर करेगा। ऐसे में 12वीं के बाद मुकुंद ने सिविल सेवा में जाने का मन बना लिया और UPSC की पढ़ाई के लिए दिल्ली का रुख किया। दिल्ली में पीजीडीएवी से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई अंग्रेजी साहित्य से पूरी की।
IAS मुकुंद बोले- परीक्षा पास करने के लिए एक मकसद होना बहुत जरूरी है
मुकुंद बताते हैं कि UPSC की परीक्षा पास करने के लिए मकसद का होना बहुत जरूरी है। मकसद हमें किसी चीज की गहराई को अच्छे से समझने का जुनून पैदा करती है। UPSC की परीक्षा को पास करने के लिए सही सिलेबस का जानकारी होना आवश्यक है।