प्रधानमंत्री मोदी जी की “परीक्षा पर चर्चा”
February 4, 2019
दोस्तों, आज की पाँस्ट 2019 की Board परीक्षा देने जा रहे विधार्थीयों के लिए हैं । जो प्रधानमंत्री के “परीक्षा पर चर्चा” कार्यक्रम से प्रेरित हैं । वैसे तो यह चर्चा 2018 की बोर्ड परीक्षा के दौरान की गई थी , लेकिन प्रधानमंत्री की एक-एक बात आपको हर बार और हरेक परिक्षा में काम आयेगी ।
तो शुरूआत करते हैं प्रधानमंत्री ‘मोदी’ जी से पूँछे गये सवालों के जवाबों की एक–एक बातें :-
सबसे पहले ओजस्वी प्रधानमंत्री ने छात्रों के बीच अपनी सरल , सुगम और मनहरी हिन्दीं सवांद की शुरूआत करते हुए बोलें, ” भूल जाइए कि आप PM से बात कर रहें हैं । आप एक मित्र से बात कर रहें हैं, आप मुझे अपना मित्र समझियें ।”
“मै सबसे पहले अपने उन सभी शिक्षको को सलाम करना चाहूँगा । जिन्होने मुझे अभी तक विधार्थी बनायें रखा हैं ।”
“मुझे सबसे बड़ी शिक्षा मिली कि अपने भीतर के विधार्थी को कभी मरने मत देना । अगर भीतर का विधार्थी जीता हैं तो हमें जीने की ताकत भी देता हैं ।”
” यह PM का कार्यक्रम नहीं हैं । यह देश के करोड़ो बच्चो का कार्यक्रम हैं ।”

उसके बाद, एक के बाद एक सवाल पूँछे गयें :-
1 – आत्मविश्वास कैसे बढ़ायें ? अपनी नर्वसता को कैसे खत्म करें ?
जिसके पास आत्मविश्वास नहीं हैं , वह जीवन में कुछ बड़ा नहीं कर सकता हैं ।
आत्मविश्वास आपके प्रयासों से आता हैं और प्रयास आपकी मेहनत तथा निरतंरता से आता हैं ।
कनाडा के ‘स्नो’ बोर्ड के खिलाड़ी का उदाहरण देते हुए कहाँ; कि उसने फेसबुक पर दो फोटो डाले हैं । जिसमे से एक में वो काँमा में हैं तथा दुसरे फोटो में Winter ओलंपिक में ब्राँज पदक ले रहा हैं ।
और इन दोनों फोटो को खीचने के बीच का अतंर मात्र एक साल का हैं और नीचे लिखा हैं “धन्यवाद जिदंगी” ।
आप परीक्षा में जाते हुए यह भूल जाइयें कि आपको कोई नम्बर देने वाला हैं । आप खुद के Examiner हैं ।
2 – पढ़ाई में ध्यान केन्द्रित कैसे करें ?
वो कौन सी बाते हैं जो आपको याद रह जाती हैं |तो आप देखेगें कि जो बाते आपके दिल–दिमाक को छू जाती हैं । वह बाते आपको याद रह जाती हैं ।अगर आपको कोई गलत बोल गया या फिर भावनात्मक रूप से जुड़ गया तो वो बाते याद रह जायेगी ।
इसका मतलब आपके मेमोरी पाँवर में कोई कमी नहीं हैं ।
‘सचिन तेदुंलकर‘ कहते हैं, ” मैं उस समय उसी बाँल को खेलता हूँ जो आ रही हैं । बाकि सब भूल जाता हूँ …।” इसका मतलब यह नहीं हैं कि हमें अतीत भूल जाना चाहिए ।
जब अतीत बोझ बन जाता हैं तो भविष के सज्जंन सपने रौद जाते हैं
आप में से बहुत कम लोगों को पानी का टेस्ट पता होगा ? क्योकि हमने उसे ज्यादातर पीने के लिए पिया हैं । कभी एक-एक बूँद चखकर देखिए । जो भी करें तल्लीनता के साथ करें ।
3 – स्पर्धा में कैसे आगे निकले ?
आप दुसरो के साथ स्पर्धा करते क्यों हैं ? आपका क्षेत्र अलग हैं इसलिए आप किसी दुसरे से स्पर्धा मत कीजिए । प्रतियोगी अनजाने में आपका प्रतिद्वंदी बन जाता हैं ।
होड़ से दूर रहने के लिए खुद के साथ स्पर्धा करें ।
4 – माँ-बाप परीक्षा में अच्छे नम्बरों का प्रेशर डालते हैं , कभी सन्तुष्ट नहीं होते , ये सही हैं या गलत ?
आपको अपने माँ-बाप की निष्ठा पर शक नहीं करना चाहिए । क्योकि वह आपके प्रति पूरी जिदंगी खपा देते हैं । दूसरी तरफ माँ-बाप भी अपने सपने बच्चों पर ना थोपे, क्योकि उसमें घर बर्बाद हो जाते हैं ।
आपके बेटे में जो सामर्थ हैं उसी की समाज में चर्चा कीजिए ।
एक Exam किसी भी बच्चे की पूरी जिदंगी का परिणाम नहीं होता ।
श्री ‘अब्दुल कलाम’ पायलट बनना चाहते थे , फेल हो गयें नहीं बन पायें लेकिन बाद में बैज्ञानिक तथा भारत के राष्ट्रपति के रूप में हमें प्राप्त हुए ।
5 – Focus कैसे करें ?
Focus करना हैं तो Defocus करना सीखिए । किसी गिलास में पानी डालिए, एक समय ऐसा आयेगा कि वह भर जायेगा । अब उसमें पानी भरने के लिए गिलास को खाली करना पड़ेगा ।
इसी प्रकार हमें भी अपने आप को खाली रखना पड़ेगा । इसके लिए आपको तनाव मुक्त रहना होगा ।
अब प्रश्न आयेगा कि तनाव मुक्त कैसे हो ?
हमारे शास्त्रों में पंच महाभूतो की चर्चा हैं आप जब भी इन पंच महाभूतों के सम्पर्क में आयेगें तो सारा तनाव दूर हो जायेगा । आपको अपने आप में ताजगी लानी हैं तो उसके लिए कोई क्रिम की आवश्यकता नहीं, आप खिड़की खोलकर ताजी हवा लीजिए । कभी नंगे पाँव मिट्टी में चलकर देखियें ।
हम परीक्षा के समय कल्फ्यू जैसा माहौल न बनायें ।
6 – परीक्षा में योग कैसे साहयक हैं तथा IQ , EQ कैसे बढ़ायें ?
जब माँ पाँच महिने के बच्चे को पालने में लिटाकर उसमें बधें खिलौने में हाथ मार कर अपने किचन में चली जाती हैं । खिलौना बजते-बजते, धीरे-धीरे बदं हो जाता हैं और बच्चे का ध्यान उसी खिलौने पर टिका हुआ हैं । अब वह बच्चा अपने पाँव से बजाने की कोशिश करता हैं ….यह हैं IQ .
अब दूसरा उदाहरण हैं कि बच्चा रो रहा हैं , आपने एक अच्छी-सी गायिका का गाना लगा कर रख दिया लेकिन फिर भी बच्चा चुप नहीं होता हैं । मगर जैसे ही माँ ने अपने साधारण गले से लौरी सुनाई , बच्चा चुप हो जाता हैं ….यह हैं EQ ….।
“जितनी संवेदना से जुड़ी चीजों से जुड़तें हैं । आपका EQ तेजी से IQ में बदलता हैं ।”
ताड़ासन योग से शरीर और मन जुड़ता हैं । मैं बिस्तर पर जाते ही 30 सेकेंड़ में सो जाता हूँ ।
“आप अपनी नीद को भी संयोजित कीजिए ।”
7 – शिक्षको के लिए क्या कहना चाहेगें ? परीक्षा के समय शिक्षको की क्या भूमिका होनी चाहिए ?
शिक्षक सिर्फ छात्रों से नहीं बल्कि उनके परिवार व उनकी आदतों से भी जुडे़ ।
ऐसे ही एक बार मुझे एक बिधालय के कार्यक्रम में बुलाया गया था ।
जब पूरा कार्यक्रम खत्म हो गया तो मैने शिक्षको से पूँछा ,” कि आपको ऐसे किसी छात्र का नाम याद हैं जो आपके करीब रहा हो, जिसे आप याद करते हो ।
किसी ने इसका जवाब नहीं दिया । फिर मैनें पूँछा, ” अगर आपका छात्र जेल में पहुँच जाता हैं तो आपको पीड़ा होती हैं ।
सब हैरान थे कि ये कैसे सवाल पूँछ रहा हैं ? मगर ऐसा होना चाहिए और ऐसा खेलो के अदंर आज भी गुरु-शिष्य परंपरा चल रहीं हैं ।
गुरू अपने शिष्य के लिए अपना जीवन खपा देते हैं । शिक्षा जगत में भी ऐसा होना चाहिए ।
8 – परीक्षा के समय Time management कैसे करें ?
करें या ना करें के बीच सघंर्ष मत कीजिए ….जो करना हैं उसी समय में वह कीजिए ।
9 – करियर कन्फ्यूज को कैसे दूर करें ?
करियर आपको गुलाम बना देता हैं । इसलिए आप बनने की नहीं, करने की सोचियें ।
कुछ बनना हैं, तय करने से मुश्किलें आती हैं । जब आप कुछ करना हैं करते हैं तो सब कुछ करते-करते बनता चला जाता हैं और आप वह बन जातें हैं जो आप सोच भी नहीं सकतें थे ।
तो दोस्तों, आपको माननीय प्रधानमंत्री “मोदी” की “परिक्षा पर चर्चा” कैसी लगी । आपको क्या सीखनें को मिला ? कृपया हमें कमेंट करके बताइयें । तथा अपने दोस्तों में शेयर करना मत भूलियें ताकि वह भी इस पाँस्ट के माध्यम से लाभ लें सकें ।