एस. नंबी नारायनन बायोग्राफी इन हिंदी
कहते है “सत्य को प्रताड़ित किया जा सकता है, पराजित नहीं किया जा सकता.” और जब सत्य शीशे की तरह साफ हो जाता है तो दुनियाँ ज्यादा निहारकर देखना पसंद करती है. इनके ऊपर मूवी बनने जा रही है. आपने “Rocketry” मूवी का टेलर तो देखा ही होगा ? टेलर में समर 2021 लिखा हुआ है तो इससे साफ जाहिर है कि फिल्म इसी साल देखने को मिल जाये. यह फिल्म नंबी नारायण पर फिल्माई जा रही है.
कौन है नंबी नारायणन ?

एस नंबी नारायणन एक वैज्ञानिक व एयरोस्पेस इंजीनियर हैं. उनका जन्म 12 दिसम्बर, 1941 में तमिलनाडु के नागरकोइल में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ जो वर्तमान मे कन्याकुमारी जिले में है. मद्रास (चेन्नई) यूनीवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिग की पढ़ाई की हुई है.
नंबी नारायण का परिवार

नंबी नारायणन की पत्नी का नाम मीना नंबी है. उनके दो बच्चे हैं. लड़की का नाम गीता अरूनन है जो montessori teacher हैं. लड़के का नाम शंकर कुमार नारायनन है जो businessman हैं.
नंबी नारायनन की उपलब्धियाँ
1- नंबी नारायनन ने इसरो को 1966 में Join किया था. इसरो में काम करना ही अपने आप में बड़ी उपलब्धी है.
2- नंबी नारायनन ने 1970 में liquid fuel technology का अविष्कार किया. वह जानते थे कि आगामी ISRO के असैनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए भारत को तरल ईंधन वाले इंजनों की आवश्यकता होगी.
3- नंबी नारायनन ने सबसे पहले तरल प्रणोदक मोटर्स के विकास के लिए अग्रणी 600 किलोग्राम के सफल इंजन का निर्माण किया.
4- नंबी नारायनन को क्रायोजेनिक्स डिवीजन (व्यवहार और कम तापमान पर सामग्री के उत्पादन ) का प्रभार सौंपा गया था.
5- नंबी नारायनन भारत के प्रमुख वैज्ञानिकों जैसे- सतीश धवन, विक्रम साराभाई, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, यू.आर. राव, आदि के साथ 35 वर्षों तक इसरो की सेवा कर चुके हैं.
6- भारत का तीसरा सबसे बड़ा सर्वोच्च पद्म भूषण राष्ट्रपति द्वारा उन्हे सम्मानित किया जा चुका है.
आप पढ़ रहे हैं : एस. नंबी नारायनन बायोग्राफी इन हिंदी
Satelite flight test डाटा बेचने का झूठा आरोप
जब हम किसी को अच्छा मानते है तो उसे भगवान बना लेते है और बुरा मानते है तो रातो-रात देशद्रोही घोषित कर देते है.
What happend exactly ?
नंबी नारायनन इसरो को Next लेवल की टेक्नोलाॅजी का plan कर रहे थे. वह देश को स्पेस के क्षेत्र में बहुत आगे ले जाना चाह रहे थे. उस समय हमारी deal हो रही थी रूस, फ्रांस, स्कोटलैंड के साथ. इसरो बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा था. पर US को यह मंजूर नहीं था. भारत नासा से आगे निकल सकता था यदि ऐसे fake आरोप नहीं लगते तो.
मालदीव की दो महिला मरियम रशीदा और फौजीया हसन को Arrest किया गया. इन दोनो महिलाओं को जब पकड़ा गया तो इनके पास से इसरो के रोकेट डिजाइन मिलते है. जब इनसे पूँछा जाता है तो यह नंबी नारायनन का नाम ले देती हैं. ख़ुफ़िया जानकारी बेचने का आरोप लगाया जाता है. इसमें Rocket और setelight लांच का flight test डाटा शामिल होने का आरोप लगाया गया था. उनके साथ-साथ डी. ससीकुमारन पर भी यह आरोप लगाया गया था. उन दोनों पर ख़ुफ़िया जानकारी करोड़ों रुपये में बेचने का आरोप लगाया गया था.
इसकी वजह से नंबी नारायनन को घर से उठा लिया जाता है. पचास दिन तक उन्हे जेल में रखा गया. जब उन पर इतने खतरनाक आरोप लगे तो उन्होने खुद को खत्म करने का निश्चय किया, पर उनकी Family ने उन्हे तब सपोर्ट किया.
उनकी पत्नी मीना नारायनन ने उन्हे सात्वना देते हुए कहां,” यदि हम लड़ेगें नहीं तो गलत साबित हो जायेगें और लड़ेगे तो एक दिन जरूर जीतेगें.”
मई 1996 में सीबीआई ने उन पर लगे आरोपों को ख़ारिज कर दिया था.
1998 में सर्वोच्च न्यायालय ने भी यह आरोप ख़ारिज कर दिए.
2001 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केरल सरकार को नम्बी नारायणन को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने के लिए आदेश दिया. लेकिन उस आदेश का अमलीज़ामा पहनाने में 17 बर्ष और लग गये. यह आर्थिकताई करिश्मा तब हुआ, जब सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 में आदेश जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने इसरो के पूर्व साइंटिस्ट के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर 2018 में कहा था कि उन्हें कस्टडी में लेकर ह्यूमन राइट्स का उल्लंघन किया गया है और उनकी उपलब्धियों को कलंकित करने की कोशिश हुई है. 14 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने 1994 में झूठे जासूसी मामले में फंसाए गए इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण को बड़ी राहत दी. उसके बाद केरल सरकार ने खुश होकर 1 करोड 30 लाख का मुआवजा दिया. नंबी वर्ष 2001 में सेवानिवृत्त हो गये.
Government of india ने उन्हे सम्मानित करते हुए नंबी नारायनन को पद्म भूषण दिया. आज की युवा पीढ़ी पढ़-लिखकर विदेश जाना चाहती है. उनके लिए नंबी नारायनन मिशाल हैं. उन्होने तब शुरूआत की जब भारत अपने रोकेट पार्टस बैलगाड़ी और साइकिल से लाँचिग पैड़ तक ले जाया करता था.
Rocketry movie के बारे में

फिल्म के टेलर में धमाकेदार डायलोग है जो काफी चर्चा में है.
अगर किसी कुत्ते को मरवाना हो तो यह अफवा फैला दो कि वो पागल है.
और अगर किसी इंसान को मरवाना हो तो यह अफवा फैला दो कि वो देशद्रोही है.
एक्टर माधवन (Madhavan) निर्देशक के रूप में अपनी पहली फिल्म ‘रोकेट्री – द नांबी इफेक्ट’ (Rocketry – The Nambi Effect) पर काम कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने लीड रोल भी किया है. ये फिल्म भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व भारतीय वैज्ञानिक और एयरोस्पेस इंजीनियर नांबी नारायणन (Nambi Narayanan) की बायोपिक है, जिन पर जासूसी के आरोप थे. फिल्म का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है. 2018 में रिलीज हुए फिल्म के टीजर ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. दावा किया जा रहा है कि इसमें माधवन बिल्कुल नए अवतार में दिखेंगे जो दर्शकों के लिए आश्चर्यजनक होगा.
टीजर के बाद माधवन ने अपने लुक में ट्रान्सफॉर्मेशन को लेकर सभी को प्रभावित किया था. ये माधवन की अब तक की सबसे बड़ी फिल्म मानी जा रही है. Rocketry को एक साथ तीन भाषाओं- अंग्रेजी, तमिल और तेलुगु में रिलीज किया जाना है.
फिल्म को इंडिया की कुछ लोकेशन्स के अलावा स्कॉटलैंड, फ्रांस और रूस में भी शूट किया गया है. माधवन के अलावा फिल्म में सिमरन और रवि राघवेंद्र भी अहम रोल में हैं. खास बात होगी इसमें एक्टर सूर्या का कैमियो रोल. इसके साथ ही फिल्म में रजित कपूर, जगन, रॉन डोनाची, मिशा घोषाल ने भी खास रोल किए हैं. Sam CS ने फिल्म के लिए म्यूजिक बनाया है.
Related Posts

2 Rupees Coin : 2 रुपए के सिक्के से कमा सकते हो ₹5 लाख, बस करना होगा आपको ये काम
मैं तो नसीब का खाती हूँ | Motivational Story in Hindi
