Moonlighting In Wipro : मूनलाइटिंग करने की वजह से विप्रो ने 300 वर्कर्स को जॉब से निकाल दिया
Moonlighting In Wipro : क्या आप जानते हैं विप्रो ने बीते कुछ महीने में अपने 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। 21 सितंबर को wipro के चेयरमैन रिषद प्रेमजी ने इस बात की जानकारी दी थी। रिषद ने कहा था कि जिन कर्मचारियों को निकाला गया है वह दूसरी कंपनियों में भी काम कर रहे थे।
एक रिपोर्ट के अनुसार ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित नेशनल मैनेजमेंट कन्वेंशन में बात करते हुए इस बात की जानकारी रिषद ने दी थी और कहा था कि विप्रो के कुछ कर्मचारी हमारे प्रतिद्वंदी कंपनियों में भी काम कर रहे थे और हमें ऐसा पता चला है कि कम से कम 300 कर्मचारी ऐसा कर रहे थे।
Moonlighting In Wipro : कंपनी के नियमों का उल्लंघन
रिषद प्रेमजी का कहना है कि ऐसा करना कंपनी के नियमों का उल्लंघन है और इसी वजह से इन लोगों को कंपनी से निकाल दिया गया है। इसी के साथ कई बार कर्मचारी बातचीत के दौरान बताते हैं कि वह किसी ब्रांड के लिए अप्लाई करते हैं या वीकेंड पर किसी प्रोजेक्ट पर काम करते हैं और संस्था और कर्मचारी आपसी सहमति से ऐसी बातचीत करते हैं और यह तय करते हैं कि यह ठीक है या नहीं।
रिषद ने यह बात साफ की है कि विप्रो में ऐसे लोगों के लिए कोई भी जगह नहीं है जो प्रतिद्वंदी कंपनियों के लिए भी काम करें। रिषद के शब्दों में आप दूसरी कंपनियों से पूछिए ऐसे हालात में वह भी हमारे जैसे ही निर्णय लेंगे।
अब आप एक कंपनी में काम कर रहे हैं और वही काम दूसरी कंपनी के लिए भी कर रहे हैं और दोनों ही कंपनियों को इस बात की जानकारी ना हो यह है मूनलाइटिंग है। एक कंपनी के लिए काम करते हुए सिक्रेटली सेम फील्ड में दूसरी कंपनी के लिए काम करना। अगर ऐसा करते हुए पकड़े गए तो उसे निलंबित कर दिया जाता है।