जानिए रूमा देवी की कहानी जिसने हजारों घरों की तकदीर को सवार दिया
कहते है ना अगर मेहनत की जाए तो हर व्यक्ति कामयाब हो जाता है क्योंकि हर किसी व्यक्ति के पास कोई ना कोई हुनर होता है जिसके जरिए वह कामयाबी हासिल कर सकता है। आज हम आपको एक ऐसी ही सच्ची कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें कामयाबी की ऊंचाइयां हासिल की है। यह कहानी राजस्थान के जोधपुर में रहने वाली रूमा देवी की है। यह नाम आज राजस्थान में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सम्मान के साथ लिया जाता है उन्होंने खुद जिंदगी में संघर्ष की एक मिसाल पेश की है।
रूमा देवी आज 75 गांव में रहने वाली 40000 महिलाओं को आत्मनिर्भर बना चुकी हैं। उन्होंने सांस्कृतिक विरासत के जरिए बाड़मेर और राजस्थान की तमाम महिलाओं को रोजगार दिया है। उनकी उपलब्धि अमेरिका तक जा पहुंची है इसीलिए उन्हें अमेरिका में सफोक काउंटी एग्जीक्यूटिव के कार्यक्रम में सम्मानित भी किया जा चुका है।
रूमा देवी राजस्थान के कलाकारों की पहचान को विदेश तक पहुंचा चुकी
रूमा देवी राजस्थान के कलाकारों की पहचान को अब देश विदेश तक पहुंचा चुकी है। कभी यह सफर उन्होंने खुद संघर्ष के साथ शुरू किया था परंतु आज उनके कारवां में हजार महिलाएं उनका साथ दे रहे हैं। रोजगार महिलाओं के लिए कितना जरूरी होता है यह हर महिला जानती है क्योंकि उसे जीवन यापन करने में मदद मिलती है यह बात वह देश भर में घूम कर महिलाओं को समझा चुकी हैं।
रूमा देवी का कहना है कि उनका जीवन बहुत ही कठिनाई से बीता है। जब वह 5 साल की थी तब उनकी मां का निधन हो गया था इसीलिए उनके घर के हालात ठीक नहीं थे और पढ़ाई भी जल्दी छूट गई थी। एक समय था जब वह 10 किलोमीटर दूर से पानी भरकर बैलगाड़ी से घर तक चलती थी।
रूमा देवी ने अपने संघर्ष की कहानी बताई बचपन में किस तरह पैसों से संघर्ष करना पड़ा और शादी के बाद भी उन्हें संघर्ष करना पड़ा। पैसों के अभाव की वजह से वह अपने डेढ़ साल के बेटे का इलाज नहीं करवा पाए। जिसकी वजह से अपने बेटे को खो दिया। इस घटना से उन्हें कुछ बड़ा करने की प्रेरणा मिली इसीलिए उन्होंने यह सोचा कि जो उनके साथ हुआ वह किसी और के साथ नहीं होने देगी।
रूमा देवी ने महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में काफी सहायता की। उनके इस विचार और उनके कार्य को दुनिया भर में सराहा जा रहा है। उन्होंने हस्तशिल्प कला के जरिए महिलाओं को रोजगार के रूप में हुनर दिखा कर उनका भविष्य सुधारा है।