IAS Success Story : कभी किताब खरीदने के लिए भी नहीं थे पैसे अखबार से की तैयारी जानिए एक आईएएस की कहानी
IAS Success Story : कहते हैं ना बिना मेहनत के सफलता नहीं मिलती है। आज हम एक ऐसे आईएएस ऑफिसर के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसमें गरीबी से लड़कर आईएएस का पद प्राप्त किया है। कहते हैं गरीबी हमें सफल होने से नहीं रोकती है परंतु उसके लिए काफी सादा संघर्ष करना पड़ता है। जी हां आज हम बात कर रहे हैं कर्नाटक के कोडागु जिले में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात कनमणि जॉय के बारे में जिन्होंने अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है।
कोरोना काल में अपने राज्य में सुरक्षा के लिए एनिस (IAS Success Story) ने कड़ी मेहनत की और लोगों को जागरूक भी किया। उनकी मेहनत की वजह से कोडागु जिले में 28 दिन तक कोई भी कोविड-19 ही आया था। एनिस के पिता एक किसान हैं जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और उनके पास अक्सर पैसे भी नहीं होते थे, जिससे वह अपनी किताबें खरीद सके इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी।
IAS Success Story : नर्सिंग में बीएससी की डिग्री प्राप्त कर चुकी
एनिस पहली ऐसी प्रोफेशनल नर्स है जो आगे चलकर यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस बनी है। साल 2012 में 65 भी रैंक प्राप्त कर यूपीएससी की परीक्षा पास की और एक आईएएस ऑफिसर (IAS Success Story) बनी हैं। वह त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज नर्सिंग में बीएससी की डिग्री प्राप्त कर चुकी है। एनिस शुरुआती समय से ही पढ़ाई में काफी अच्छी रही हैं उन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी की परीक्षा देने के बाद नर्सिंग से ग्रेजुएशन किया है।
एनिस के पिता अपनी बेटी को आईएएस ऑफिसर बनते हुए देखना चाहते थे इसीलिए यूपीएससी की परीक्षा में ऑप्शनल विषय में मलयालम लिटरेचर और मनोविज्ञान का चुनाव कर यूपीएससी की परीक्षा दी। सबसे बड़ी समस्या उनकी आर्थिक स्थिति थी जिसके चलते वह किताब नहीं खरीद पाती थी ऐसे में बिना कोचिंग किए केवल न्यूज़ पेपर से तैयारी करने का फैसला किया और तैयारी करने में जुट गई।
सबसे पहले 2010 में 580 वीं रैंक के साथ सफल हुई परंतु उनके पिता का सपना पूरा नहीं हुआ, इसके बाद उन्होंने दोबारा तैयारी की और इस बार 65 वी रैंक के साथ सफल हुई और पिता का सपना पूरा कर दिखाया।