हैप्पी बर्थडे सचिन, ‘जब तेंदुलकर खेलते थे तो ‘भगवान’ भी क्रिकेट देखता था’

भारतीय क्रिकेट टीम के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं. महज 16 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले सचिन ने अपने करियर में कई सारे रिकॉर्ड्स बनाए. कई रिकॉर्ड ऐसे हैं जिन्हें तोड़ना लगभग न्नामुमकिन हैं.

सचिन अपनी जन्मदिन की फिफ्टी बना चुके हैं, आज मास्टर के लिए काफी अहम दिन हैं, आज करोड़ों प्रशंसक ने सचिन को हैप्पी बर्थडे बोला होगा सोशल मीडिया पर बेपनाह पोस्ट हुई हैं, यूपी तक के पत्रकार अमीश राय ने भी सचिन को अपने अंदाज में हैप्पी बर्थडे बोला है. मेरा जज़्बा की तरफ से भी सचिन को हैप्पी बर्थडे हमारी दुआ ये है कि सचिन अपनी जिंदगी का भी शतक लगाएं

अमीश की एफबी पोस्ट

शायद वो साल 2008 था. सिडनी में एक पोस्टर लहराता है. अपने सारे अपराध तब करो जब सचिन बैटिंग पर हों, क्योंकि उस समय ईश्वर भी उसकी बैटिंग देख रहा होता है.

सचिन पिच पर बैटिंग कहाँ करते थे। सचिन तो डांस करते थे। 22 गज में दुनिया कभी क्लासिकल इंडियन डांस देखती तो कभी हिप हॉप तो कभी ब्रेक डांस। मैं झूठ नहीं बोल रहा। शेन वॉर्न होते तो बताते कि सचिन बैटिंग करते थे या डांस? वैसे शेन वॉर्न के जाने के बाद पता चला कि हम उनको भी प्यार करते थे. अक्सर लोगों ले चले जाने के बाद ही उनकी असल कीमत पता चलती है. खैर.

क्रिकेट के आज के फैन आहत हो सकते हैं लेकिन अपने सखा स्वतंत्र के शब्दों में कहूं तो आप आहत होकर मेरा क्या ही बिगाड़ लेंगे। हालांकि स्वतंत्र बिगाड़ने शब्द का इस्तेमाल नहीं करता था।

आपको क्या लगता है, आप आजकल क्रिकेट देखते हैं? अरे महाराज आप जिसे पुलाव समझ कर खा रहे हैं वो दरअसल बासी भात है। वो भी फ्रिज से तुरंत का निकाला ठंडा ठंडा बिना फ्राई किया हुआ बासी भात।

क्रिकेट तो सर हमने देखी है। ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, इंग्लैंड की वो पिचें जिसपर गेंद टिप्पा खाये तो टक टक की आवाज़ आये। पिच नहीं फर्श बनाते थे ससुरे। और ऊपर से मैक्ग्रा, डोनाल्ड, ब्रेटली जैसे बॉलर। गेंद नहीं फेंकते थे सब, मशीन गन चलाते थे।

आपको भरोसा नहीं हो रहा है न, जाइये पुराने ऐड देखिए। और वसीम अकरम? उस समय वसीम अकरम थे, कभी फास्टर स्पिन गेंदबाज को देखा है? भाई उ फास्टर स्पिन करता था। हर बॉल पर आउट कर सकता था।

कितने नाम गिनाऊँ? सर हम होश संभाले तो बार्सिलोना ओलिंपिक आ रहा था। पर वहां तिरंगा कुछ खास दिखता नहीं था। एक ले दे के टेनिस देखते थे लेकिन उसमें भी हमारे दिल के करीब रहने वाली मोनिका सेलेस को छूरा भोंका जा चुका था। दिल टूट गया था हमारा। हीरोइन के बाद हमें एक हीरो की तलाश थी।

तभी हमें हमारा हीरो मिला। एक ठिगना-सा शख्स। हेल्मेट के अंदर से दिखते रहे कर्ली बाल। और उसके बाद तो कहानियां हैं। सबको तोड़ा, एक एक कर तोड़ा, एक साथ तोड़ा।

जिसने जितनी तेज बॉल फेंकी उसे उतनी तेज बाउंडरी के पार पहुंचाया। जिसने जितनी तेज गेंद घुमाई उसको प्रत्यक्ष तांडव का दर्शन करवाया। 3 स्टंप छोड़ कर चौथे स्टंप से खेलते उस जीनियस को देख वार्न को शिव का तांडव ही तो याद आता है। जाइये पूछ लीजिये।

सचिन को लोग केवल आउट नहीं करना चाहते थे, वो उसे इम्प्रेस भी करना चाहते थे। फ्लिंटॉफ बताएंगे आपको, गूगल कर लीजियेगा। अब जो मेरी उम्र के नौजवान हैं वो पढ़ते पढ़ते थोड़ा यहां पर रुक जाएं। आपको एक योग आसन कराता हूं.

पहले अपनी आंखों को बंद कीजिए। फिर गहरी गहरी सांसें लीजिये। अब सचिन को याद करिए। अब आपको कुछ नहीं करना है। अब आपको अपने कानों में अचानक एक नाद सुनाई दे रहा होगा। वो नाद क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स से आ रहा है, वो नाद सिडनी में बल्लेबाजों की कब्रगाह से आ रहा है, वो नाद कलकत्ता के ईडन गार्डन से आ रहा है।

वो नाद है- सचिन सचिन सचिन सचिन। अहा! अब आपको आनंद आ रहा है। आपको मुंह से झाग फेंकते डोनाल्ड दिख रहे हैं, आपको पहली बार बेचैनी में मैक्ग्रा दिख रहे हैं, आपको बेसुध हो चुका वार्न दिख रहे हैं, आपको वसीम अकरम अब सही में बीमार दिख रहे हैं वरना पता कहाँ चला कि भाई ने बीमारी में इतनी क्रिकेट खेली, आपको महाभारत दिख रही है।

इस महाभारत में सारे शातिर कप्तानों, जानलेवा बौलर्स के कंधे झुके हुए हैं, और कर्ली बालों वाला हमारा केशव बीच में खड़ा मंद मंद मुस्कुरा रहा है। उसके हाथ में इस बार चक्र नहीं, बैट है। एमआरएफ वाला बैट।

जन्मदिन मुबारक हो जीनियस.

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