कहीं हम Mobile Phone का Misuse तो नहीं कर रहे ??

Essay on Mobile Phone Misuse in Hindi

दोस्तों, क्या आप जानते है कि हम अपने मोबाइल की स्क्रिन को औसतन कितनी बार टच करते हैं ?  आप जानकर हैरान हो जायेगें कि हम एक दिन में लगभग 8000 से ज्यादा बार अपने मोबाइल की स्क्रीन को टच करते हैं जबकि Highest users16846 से भी ज्यादा Screen को Touch करते हैं.

technologies का इससे ज्यादा गंदा इस्तेमाल नहीं हो सकता.
Technologies तब तक खराब नहीं थी जब तक की फोन नहीं आ गये. फोन दिन पे दिन Smart होते जा रहे है और हम लोग बेवकूफ होते जा रहे हैं.
एक व्यक्ति यदि एक दिन में पाँच घण्टे बिताता है तो अपनी 50 साल की उम्र में वह 10 साल तो फोन पर ही गुजार देगा.
‘स्टीव जाॅब’ ने Iphone लाकर पूरी दुँनिया में तहलका मचा दिया लेकिन उन्होने अपने बच्चे को कभी Iphone नहीं चलाने दिया.

‘मार्क जुकरबर्ग’ पूरे दिन Facebook पर टाइम पास नही करते. वह पूरे दिन लगे रहते है कि कैसे Facebook को और ज्यादा Attractive बनाया जायें.

वह इसी खोज में लगे रहते हैं ताकि लोग अधिक से अधिक इस App का इस्तेमाल करें.
किसी को शराब की लत है तो किसी को बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू की लत है. तो किसी को फोन का Adiction है. अन्य बिमारीयाँ  एक बार होकर ठीक हो जाती है लेकिन अधिक फोन इस्तेमाल करने का वायरस कभी ठीक नहीं होती बल्कि यह अद्रश्य बिमारी आपको पता भी नही लगती.
पहले हम अंग्रेजो के गुलाम थे मगर आज मोबाइल Notification के गुलाम हो गये हैं. Notification आते ही हम सारे काम भूल जाते हैं. जरा सी Notification को हम अपनी जिंदगी में इतना Note करते हैं कि बाकी सब Not हो जाता है.
लोग यह Feel करते हैं कि वह कितने Passionate हैं. 95% लोग अपने काम के दौरान आई हुई Notification को Pick करते हैं और कई बार तो लोग हर 15  मिनट में Check करते हैं कि जो हमने Facebook पर पाँस्ट लिखी थी या Whats app पर Status लगाया था उस पर कितने Like, comment and share आये. यह हम बार-बार करते हैं. हम Social media पर जाते तो कुछ मिनट के लिए हैं लेकिन घण्टों बर्बाद कर लौटते हैं.
हम खुद के फोटो को Edit करके Reality से बिल्कुल अलग कर लेते है.
जो कोई थोडा अच्छा दिखता हैं हम खुद को उससे Compare करने लग जाते है. जबकि….
“आप न किसी से अच्छे है और न आप किसी से बुरे.
आप जैसे भी हो, दुनियाँ में सबसे अलग व अच्छे हो.”
जो इंसान इस Reality को Accept कर लेगा वो फालतू के Anxiety और Dipration में पडेगा ही नहीं.
लोग उन Problem को लेकर परेशान है जो है ही नहीं जबकि जो Problem है उन पर आपका ध्यान ही नहीं है. क्योकि Use less problem से बाहर ही नहीं निकल पा रहे.
Social media में Competition की भावनाओं का अम्बार लगा हुआ है. लोग Garbage देख रहे है. घर की महिलाएँ Daily shope प्रोग्राम में व्यस्त है तो घर के बच्चे Tic tok या Pubg जैसे Platform पर व्यस्त है.
Competition हमारे Self confidence को कम करता जा रहा है. इस दुनियाँ में हर तरह के लोग है. हम सुई की तुलना तलवार से नहीं कर सकते.
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सुई देखने में छोटी होती है लेकिन बड़े से बड़े कपड़े को सिलकर एक नया रूप दे देती है जो कि यह काम तलवार बड़ा होकर नहीं कर सकती.

Fake चीजो को देखकर उससे खुद को Compair मत करो. आप उस चीज में अपना Time दो जो आपको अच्छी लगती है और आपको अच्छा इंसान बनाने में मदद करती है.
हम Social media में दूसरो की Life को खोद-खोदकर निकालने में लगे रहते है. और खुद को उसी खुदाई में दफन करते चले जाते है.
आँस्ट्रेलियाँ में एक रिसर्च किया गया और 10 मे से 9 लोगो को Anxious (बैचेनी) होने लगती है जब उनके मोबाइल की बैटरी खत्म होने लगती है.
हम जैसा देखते है वैसा ही हम करते है और वैसी ही हमारी सोच हो जाती है.
Whats app के भारत में 340 million से भी ज्यादा user हैं. यह पूरी दुनिया का पहला नम्बर बनाता है. जबकि दूसरा नम्बर ब्राजील का है जहा 99 million user हैं. आप अंतर देख सकते हैं.
भारत में Facebook के User 346 milion user हैं. और यह आकड़ा और तेजी से बढ़ने वाला है. आज-कल लोगो के दिन की शुरूआत फोन से ही होती है और खत्म भी फोन पर ही होती है.
सुबह उठते ही फोन और सोने तक फोन ही होता है. फोन पैसा भी बर्बाद कर रहा है, Time भी बर्बाद कर रहा है और करियर भी बर्बाद कर रहा है.
यह बात जानते हुए भी लोग मोबाइल चला-चलाकर खुश हो रहे है. अगर आपको Reality की खुशी मिलती है तो आप फोन का इस्तेमाल करो. वरना फोन को उतना ही छूओं जितनी जरूरत हो.
घर पर सारे लोग बैठे है लेकिन हम अपनी उगलियों को फोन पर घिसे जा रहे होते है. देखो घर परिवार के लोग हमेशा आपके साथ नहीं रहने वाले इसलिए समय रहते अपने परिवार के लोगो के साथ Time spend करो.
फोन आपकी जिंदगी का छोटा हिस्सा है इसे हिस्सा ही रहने दो, जिस दिन यह जिंदगी बन गया जिंदगी तबाह कर देगा.
अब आप कहेगें कि आपकी यह पाँस्ट भी तो मोबाइल से ही पढ़ी जा रही हैं. यहाँ हमने फोन के Misuse को बताया है. फोन को बिल्कुल इस्तेमाल न करने को नहीं बोला जा रहा. आप फोन का इस्तेमाल करते समय इस चीज का विशेष ध्यान रखे की जो चीज आप इस्तेमाल कर रहे हैं वह चीज आपके जीवन और व्यक्तित्व पर क्या असर डाल रही है ?
दोस्तों ! उम्मीद करते हैं कि आपको बताई गई बाते पसंद आई होगी. आप अपना अनुभव कमेंट के माध्यम से या मेल के जरियें हम तक पहुँचा सकते हैं. हम आशा करते हैं आप सभी का स्नेह हमें ऐसे ही निरंतर मिलता रहेगा.
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                                                      धन्यवाद

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