क्या आप जानते हैं कि रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर आखिर क्यों लिखी जाती है समुद्र तल से ऊंचाई

देश के लाखों यात्री रेलवे से सफर करना पसंद करते हैं। छुट्टियां हो या त्योहारों लोग अक्सर ट्रेन से आना जाना ज्यादा पसंद करते हैं। ट्रेन में सफर के दौरान जब भी स्टेशन या जंक्शन पर गाड़ी रूकती है तो हम उस स्टेशन का नाम जरूर पढ़ते हैं जो हिंदी अंग्रेजी उर्दू या वहां की स्थानीय भाषा में लिखा हुआ होता है। स्टेशन के नाम के साथ साथ ही हमें वहां कुछ और भी पढ़ने को मिलता है।

लोगों के मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि यहां पर समुद्र तल से ऊंचाई क्यों लिखी हुई होती है, क्योंकि हम सफर तो ट्रेन से कर रहे हैं और मैदानी या पहाड़ी इलाकों से ही जाते हैं तो यहां पर समुद्र तल की ऊंचाई का क्या संबंध है तो आइए हम आपको बताते हैं।

रेलवे

भारतीय रेलवे समुद्र तल को मानक के रूप में भी इस्तेमाल करती है

जब भी आप किसी स्टेशन पर पहुंचते हैं तो वहां पर स्टेशन के शुरुआत में और स्टेशन खत्म होने पर बोर्ड लगा होता है और बड़े बड़े अक्षरों में स्टेशन का नाम लिखा हुआ होता है। ठीक उसके नीचे समुद्र तल से ऊंचाई भी लिखी हुई होती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उसका सीधा मतलब यात्रियों के सुरक्षा से जुड़ा हुआ होता है। हमारे देश का हर क्षेत्र या राज्य कहीं ऊंचाई पर है तो कहीं नीचे भी है। इसकी माप के लिए भारतीय रेलवे समुद्र तल को मानक के रूप में भी इस्तेमाल करती है।

देखा जाए तो यात्रियों के लिए यह शब्द बिल्कुल भी मायने नहीं रखते हैं परंतु रेल ड्राइवर के लिए इसकी अहमियत बहुत ही ज्यादा होती है। इसीलिए वह हर स्टेशन पर देखता रहता है कि वर्तमान में हम समुद्र तल से ऊंचाई की ओर जा रहे हैं या नीचे की ओर सफाई कर रहे हैं। रेलवे ट्रैक हर जगह समतल नहीं होते हैं।

इसी के साथ जब ट्रेन ढलान की तरफ जा रही होती है तो ड्राइवर इंजन की कम शक्ति का प्रयोग करते हैं। अपने ब्रेकिंग सिस्टम के माध्यम से उसे नियमित रूप से नियंत्रित करने का प्रयास करते रहते हैं। इससे दुर्घटना नहीं होती है इसीलिए सभी रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर समुद्र तल की ऊंचाई का जिक्र किया जाता है।

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