Constable Vikas Kumar : 8 साल से गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ा रहा है ये पुलिसकर्मी 5 गांव में चलते हैं स्कूल
Constable Vikas Kumar : अक्षर पुलिस का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं अपराधी भी उनके नाम से ही खूब खाते हैं लेकिन ऐसे बहुत से पुलिसवाले आज भी मौजूद है जो अपनी दरियादिली और सामाजिक कार्यों से लोगों का दिल जीत रहे हैं ऐसी कहानी बिजनौर के एक पुलिसकर्मी विकास कुमार की है जो कि कॉन्स्टेबल है और देश सेवा के लिए और देश का उज्जवल भविष्य बनाने का प्रयास कर रहे हैं अपनी ड्यूटी से वो समय निकालकर गरीब बच्चों को फ्री में पढ़ा रहे है।
Constable Vikas Kumar : पुलिस में भर्ती होने से पहले बच्चों को पढ़ा रहे हैं विकास
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कॉन्स्टेबल विकास पुलिस में भर्ती होने से पहले ही गरीब बच्चों के भविष्य को संवारने का काम करते आ रहे हैं। उन्होंने अपने गांव में साल 2014 में गरीब बच्चों को फ्री में शिक्षा देने का काम शुरू किया था। उनकी उम्र उस समय 18 साल की थी। तब से वह गरीब बच्चों को पढ़ाते आ रहे हैं। जिन बच्चों के पेरेंट्स गरीबी की वजह से अपने बच्चों को नहीं पढ़ा पा रहे, ऐसे में विकास में उन बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी को उठाया है।
सहारनपुर के गांव कोरल की खुर्द के रहने वाले पुलिस सिपाही विकास कुमार के इस नेक काम के लिए मुरादाबाद डीआईजी शलभ माथुर ने उनको सम्मानित किया.
Constable Vikas Kumar : पुलिस में भर्ती होने के बाद भी चल रही है ये मुहिम
विकास भी एक गरीब किसान परिवार से है। सन 2016 में इनका चयन पुलिस विभाग में हो गया था। पुलिस की ड्यूटी निभाने के साथ-साथ उन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाना नहीं छोड़ा था। वह अपनी ड्यूटी से भी कुछ समय निकालकर बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहे हैं। पुलिस विभाग में भर्ती होने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग बिजनौर में हुई थी।
विकास ने कोतवाली शहर के आवास विकास चौकी में अपना पद संभाल लिया था। वहा काशीराम कॉलोनी में बहुत से गरीब बच्चों पर उनकी नजर पड़ी जो गरीबी की वजह से पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे। उससे पहले विकास ने अपनी समाज को शिक्षित करने की मुहिम बिजनौर में ही शुरू कर दी थी। उस समय वह 30 से 35 गई बच्चों को पढ़ाने का काम किया करते थे। इसके अलावा ड्यूटी से समय निकालकर गांव के और भी सैकड़ों बच्चों को पढ़ाने का काम हो लगातार कर ही रहे हैं।
Constable Vikas Kumar : साथी से प्रेरित होकर चला रहे हैं पाठशाला
एक तरफ जहां विकास कुमार बिजनौर में गरीब बच्चों को शिक्षित करने का एक अच्छा काम कर रहे हैं। वहीं उनके ग्रुप से जुड़े हुए उनके साथी भी ऐसी बहुत सी पाठशाला पीलीभीत, सहारनपुर, बुलंदशहर, मेरठ के साथ-साथ उत्तराखंड के कई गांव में स्कूल चला रहे हैं।
एक तरफ जहां विकास कुमार बिजनौर में गरीब बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहे हैं. वहीं उनके ग्रुप से जुड़े उनके साथी ऐसी कई पाठशाला पीलीभीत, सहारनपुर, बुलंदशहर और मेरठ के साथ उत्तराखंड के कई गांव में स्कूल चला रहे हैं.
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