मैं गरीब क्यों हूँ ? गरीबी का कारण बताती एक प्रेरक कहानी
January 11, 2019
Cause of Poverty Inspirational Story in Hindi
दोस्तों, स्वागत है आपका MJC पर ! यदि आप MNC पढ़ रहें हैं तो कुछ बेहतर पढ़ रहे ।
आप जल्दी से बड़ा आदमी बनना चाहते हैं तो आपको अपने दैनिक कार्यो में कुछ बदलाव करने पड़ेगें।
मैं आपको एक कहानी सुनाता हूँ ।
प्रतीक और नतीक नाम के दो दोस्त थे । दोनों एक ही कम्पनी में जाँब करते थे तथा दोनों की आय भी Same थी । दोनों के परिवार में लोग भी बराबर थे …
मगर दोनों की पारिवारिक स्थिति बिल्कुल भिन्न थी ..जहाँ प्रतीक के परिवार में खुशहाली तथा सम्पन्नता थी तो वही नतीक के परिवार में रोज कलह और पैसों को लेकर हमेशा तंगी रहती थी ।
अब आप सोच रहे होगें कि जब दोनों की आय एक थी तथा परिवार के सदस्य भी बराबर तो दोनों के परिवार में इतना अतंर कैसे ???

तो अब बात आती हैं उनके खर्चो की जिन्हें जानने के लिए हमें दोनों के खर्चो की अलग–अलग List देखनी पडे़गी ।
सबसे पहले जानते हैं प्रतीक के बारे में :-
प्रतीक को जो भी Salary मिलती वह उसे चार भागों में बाट देता ।
१- घर के छोटे-मोटे जरूरी सामान के लिए …
२ – Emergency किसी बिमारी के इलाज के लिए…
३ – बचत, भविष्य में किसी भी काम के लिए …
४ – दान के लिए….
अब जब प्रतीक अपनी Salary को चार भागों में बाट दी तो वह हर हिस्से को सही जगह पर Invest करने का एक Clean way दे सकता था ।
घर में जरूरत के सामान ला देने से घर के सभी लोग प्रसन्न और खुश रहते । जिससे प्रतीक अपना पूरा ध्यान अन्य जगह पर लगा पाता ।
अगर कोई अचानक बिमारी आ जाती तो वह उसे तुरंत इलाज में देरी कियें बिना उपचार कराता ।
जब बचत राशी अच्छी खासी हो जाती तो वह उसकी जमीन खरीद लेता या फिर किसी अन्य ऐसी वस्तु पर खर्च करता जो उसे वापस पैसा लौटा सकें ।
दान देने से मतलब किसी की साहयता करना चाहे वह शारीरिक हो या आर्थिक …प्रतीक हमेशा इसके लिए तैयार रहता था इसलिए प्रतीक का कोई किसी बात में विरोध भी नहीं करता था ।
प्रतीक द्वारा दिया गया दान लोगो के द्वारा हमेशा उसके लिए तत्पर रहने के रूप में मिलता ।
प्रतीक की अच्छी-खासी Goodwill बन गई थी । उसके काम के लिए कोई भी मना नहीं करता था ।
प्रतीक के इन्ही छोटे और महत्वपूर्ण निर्णयों की वजह से प्रतीक का स्वास्थय ठीक रहता था..
घर में खुशहाली थी…
उसके पास एक बड़ी सेविग थी…
अब जानते हैं नतीक के बारे में :-
नतीक को जिस दिन Salary मिलती उसी दिन वह प्यासी धरती की तरह शराब की बारिश में डूब जाता ।
उसके बाद पिछले महिने की उधारी चुकाता । शेष बचता उसे अपने ऐशो-आराम की चीजों में खर्च कर देता । महिने का अंत आते-आते उसके ऊपर फिर से उधारी हो जाती ।

घर के सभी लोग हमेशा की तरह नतीक से नाखुश रहते । क्योकि वह कभी घर के सामान पर ध्यान नहीं देता था ।
नतीक के और भी खर्चे कुछ इस प्रकार थे :-
50 रूपयें प्रतिदिन गुटखे के..
50×30×12 ➡18000/year 

50 रूपये गांजे के हफ्ते में तीन दिन …
50×12×12 ➡7200/ year

1000 रूपये शराब के महिने में….
1000×12 ➡ 12000/ year 

Total तीनो Wastage खर्चो को जोडे़ तो साल के बनेगें..
18000+7200+12000 ➡ 37200/- 

ये सिर्फ एक साल का सामान्य खर्चा हैं अगर इसी Average से हम दस साल का लगाये तो वो होगा ?
37200×10 ➡ 3,72,000 

यह तो सिर्फ आपके पैसों का नुकसान हुआ …..अब बात करते इसके शारीरिक साइड इफेक्ट की ।
आपकी धीरे-धीरे स्वास्थ सम्बंधी शिकायत शुरू होना…
पर्यावरण का नुकसान…
आपके घर में लगातार कलह का वातावरण….
निरतंर प्रयोग से गरीबी का प्रकोप….
अब आप अदांजा लगाइयें कि आपने इतने रूपये सिर्फ थूकने और पल्टी करने में गवा रहें हैं । इन रूपयों का इस्तेमाल आप किसी और अन्य चीजो में भी कर सकते हैं ।
अब आप स्वंय तय कीजिएं कि आप नतीक की जिदंगी जी रहें हैं या प्रतीक की….
दोस्तों, बहुत से लोग छोटे खर्चो को बहुत छोटा मानते है लेकिन आपको पता होना चाहिए कि नाव में एक छोटा- सा छेद पूरी नाव डुबों देता हैं । और छोटे खर्चे कितने बड़े हो सकते है तथा वो कितना नुकसान कर सकते हैं …वो आपदो उदाहरणों से समझ सकते हैं ।
राबर्ट कियोसाकी ने कहाँ हैं कि “अमीर इसलिए अमीर होते हैं क्योकि वह पहले इनवेस्ट करते हैं तथा बाद मेंखर्च करते हैं । जबकि गरीब पहले खर्च करते हैं बाद में Invest करते हैं ।”
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