संघर्ष की एक और कहानी सबसे कम उम्र में आईएएस बनके रचा इतिहास

हमेशा कहा जाता है अगर इरादे पक्के हो तो आप कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं। चाहे कितनी भी मुश्किल आपके रास्ते में आ जाए परंतु आप अगर अपनी इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत करें तो आप किसी भी मुकाम हासिल कर सकते हैं। चाहे परिस्थिति आप के विपरीत ही क्यों ना हो अगर आप अपने लक्ष्य को हासिल करने की ठान ले तो उसे निश्चय ही हासिल कर सकते हैं। दुनिया में लगभग हर किसी का यही सपना होता है कि वह आईएएस बने परंतु आईएएस बनने के लिए देश की सबसे कठिन परीक्षा मतलबी यूपीएससी की परीक्षा पास करनी होती है जो बेहद ही कठिन होती है।

हर साल लाखों लोग यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करते हैं परंतु उसमें से कुछ लोग ही होते हैं जो इस परीक्षा को पास कर पाते हैं। चाहे गरीब हो या फिर अमीर हर कोई इस परीक्षा को पास करने के लिए कड़ी मेहनत करता है। इसके बावजूद भी सफलता नहीं मिल पाती है वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो एक इतिहास रच जाते हैं।

आईएएस

मुश्किलों को हराते हुए आईएएस बनने का सपना साकार किया

महाराष्ट्र के जालना के रहने वाले अंसार अहमद शेख के बारे में आज हम बात करने जा रहे हैं। इन्होंने बहुत सारी मुश्किलों को हराते हुए आईएएस बनने का सपना साकार किया है। यह केवल 21 वर्ष की आयु में यूपीएससी की परीक्षा में 371वी रैंक हासिल कर आईएएस बने हैं।

अंसार अहमद शेख के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। उनके परिवार की हालत इतनी खराब थी कि पढ़ाई छोड़ने तक की नौबत आ गई थी। अंसार कहते हैं कि रिश्तेदारों और उनके पिता ने उनसे पढ़ाई छोड़ने तक के लिए कह दिया था। अंसार का बचपन किसी जंग से कम नहीं रहा भले ही उनके जीवन में बहुत सारी परेशानियां रही परंतु उन्होंने अपने लक्ष्य को कभी भी नहीं छोड़ा।

अहमद से बात करते हुए अहमद ने बताया कि अब्बा मेरी पढ़ाई छुड़ाने के लिए मेरे स्कूल पहुंच गए थे लेकिन मेरे टीचर ने उन्हें समझाया और बताया कि मैं पढ़ाई में बहुत ही अच्छा हूं। इसके बाद जैसे तैसे मैंने दसवीं की परीक्षा दी और 12वीं कक्षा में 91% अंक प्राप्त किए। इसके बाद घरवालों ने कभी पढ़ाई के लिए नहीं रोका अहमद ने बताया कि मेरे दोस्तों ने मानसिक और आर्थिक रूप से मेरी काफी सहायता की। यहां तक कि मेरी कोचिंग अकादमी ने भी मेरी खराब स्थिति की वजह से फीस का एक हिस्सा माफ कर दिया।

आज केवल 21 साल की छोटी सी उम्र में अंसार अहमद शेख ने कड़ी मेहनत और संघर्ष के चलते और मुसीबतों का सामना करते हुए 2015 में यूपीएससी की परीक्षा पास की और सबसे कम उम्र के आईएएस अधिकारी बन गए।

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