‘महात्मा विदुर’ के अनमोल विचार इन हिंदी
1- “अपना और जगत का कल्याण अथवा उन्नति चाहने वाले मनुष्य को तंद्रा, निद्रा, भय, क्रोध, आलस्य और प्रमाद. यह छ: दोष हमेशा त्याग देने चाहिए.”- महात्मा विदुर
2- “क्षमा को दोष नहीं मानना चाहिए, निश्चय ही क्षमा परम बल है. क्षमा निर्बल मनुष्यों का गुण है और बलबानों का क्षमा भूषण है.” – महात्मा विदुर
3- “जो पुरूष अच्छे कर्मों और पुरूषों में विश्वास नहीं रखता, गुरूजनों में भी स्वभाव से ही शंकित रहता है. किसी का विश्वास नहीं करता, मित्रों का परित्याग करता है. वह पुरूष निश्चय ही अधर्मी होता है.” – महात्मा विदुर
4- “ईर्ष्या, दूसरों से घृणा करने वाला, असंतुष्ट, क्रोध करने वाला, शंकालु और पराश्रित (दूसरो पर आश्रित रहने वाले) इन प्रकार के छ: व्यक्ति सदा दु:खी रहते हैं.” – महात्मा विदुर
5- “काम, क्रोध और लोभ यह तीन प्रकार के नरक अर्थात दु:खों की ओर जाने वाले मार्ग हैं. यह तीनों आत्मा का नाश करने वाले हैं इसलिए इनसे हमेशा दूर रहना चाहिए.” – महात्मा विदुर
6- “जिस धन को कमाने में मन तथा शरीर का क्लेश हो, धर्म को उलंघन करना पड़े तथा सर शत्रु के सामने झुकना पड़ जाये. ऐसे धन को प्राप्त करने का विचार त्यागना ही बेहतर होता है.” – महात्मा विदुर
7- “किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले यह जरूरी है कि आप पूरा मन बना लें. अधूरे मन से किया कार्य भी अधूरा रहता है. आपको किसी कार्य में पूरी तरह से सफलता तभी मिलेगी जब आप पूरे मन से उस कार्य को करेंगे.” – महात्मा विदुर

8- “प्रत्येक मनुष्य को माता, पिता, अग्नि, आत्मा और गुरु इन पांचों की बड़े यत्न से सेवा करनी चाहिए.” – महात्मा विदुर
9- “जो व्यक्ति अपने मन को काबू में नहीं रख पाता, वह कभी सफलता प्राप्त नहीं कर पाता.” – महात्मा विदुर
10- “मनुष्य को अपनी इच्छा अपनी आय के अनुसार ही करनी चाहिए. जिन लोगों का मन वश में नहीं होता, वह अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए दूसरों से उधार ले लेते हैं. दूसरों से पैसे उधार लेकर पूरी की गई इच्छा कभी सुख नहीं देती. कई बार लोग अपना लिया हुआ कर्जा चुका नहीं पाते और अपने साथ-साथ अपने परिवार को भी परेशानी में डाल देते हैं. जो मनुष्य हमेशा कर्ज से बचा रहता है, वह बहुत सुखी होता है.” – महात्मा विदुर
11- “जो बहुत धन, विद्या तथा ऐश्वर्य को पाकर भी इठलाता नहीं, वह पंडित कहलाता है.” – महात्मा विदुर
12- “जिस व्यक्ति को आदर सम्मान मिलने पर भी वो खुशी से फूले नहीं समाता और अनादर होने पर क्रोधित नहीं होता तथा जिसका मन विपत्तियों में भी शांत रहता है. वही ज्ञानी व्यक्ति होता है.” – महात्मा विदुर
13- “जिस काम को करने के बाद पछताना पड़ जाये ऐसे कार्य को करने से क्या लाभ.” – महात्मा विदुर
14- “बुद्धिमान व्यक्ति के प्रति अपराध कर कोई दूर भी चला जाए तो चैन से न बैठे, क्योंकि बुद्धिमान व्यक्ति की बाहें लंबी होती है और समय आने पर वह अपना बदला लेता है.” – महात्मा विदुर
15- “जिस व्यक्ति के कर्तव्य, सलाह और पहले लिए गए निर्णय को केवल काम संपन्न होने पर ही दूसरे लोग जान पाते हैं, वही व्यक्ति पंडित कहलाता है.” – महात्मा विदुर
16- “जो मनुष्य अपना और अपने परिवार की जीविका के लिए खुद धन कमाने के काबिल होता है, वह बहुत ही सुखी माना जाता है. कई लोग अपना जीवन चलाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं, ऐसे लोगों का न तो स्वाभिमान होता है, न ही दूसरों की नजर में सम्मान. इसलिए, जो खुद मेहनत करके अपना जीवन चलाता हो, उसे सबसे सुखी माना जाता है.” –
महात्मा विदुर
विदुर नीति! परम ज्ञानी Mahatma Vidur के अनमोल विचार Vidura Neethi “Vidur Ke Anmol Vichar”” आपको कैसे लगे. ‘विदुर’ के विचारों ने आपको कितना Inspired तथा Motivate किया. कृपया कमेंट कर अवश्य बतायें, आपके किसी भी प्रश्न एवं सुझावों का स्वागत है. शेयर करें, जुड़े रहने की लिए Subscribe करें .
यदि आप ज़िन्दगी से जुड़ी किसी भी बात के बारे में, किसी भी Problem के बारे में कुछ जानना चाहते हैं तो कृपया कमेंट करके बतायें. हम उस समस्या के बारे में आर्टिकल जरूर लिखेगें.
यदि आप इस ब्लॉग पर हिंदी में अपना कोई आर्टिकल या जो भी जानकारी देना चाहते है तो कृपया अपनी एक फोटो के साथ E-mail करें. Id है – ‘merajazbaamai@gmail.com’ पर भेजे, पसंद आने पर आपके नाम और आपकी फोटो के साथ प्रकाशित की जाएगी.
धन्यवाद !